चन्द्रवंशी युवा एसोसिएशन राष्ट्रीय अध्यक्ष जन्मदिन विशेषांक
आज ऑल इंडिया चन्द्रवंशी युवा एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित राजन चन्द्रवंशी का जन्मदिन है। एक आम व्यक्ति से समाजसेवी के रूप में खास जगह बनाने वाले शख्सियत के बारे में हम जानने की कोशिश करते हैं।
बचपन से ही जरूरतमंद लोगों की मदद करना
अमित राजन बचपन से ही लोगों को दुखी देखकर वह खुद दुखी हो जाया करते थे और इसी भाववश उसकी यथासंभव मदद करते। छात्र जीवन में अपने बचाए पैसो से मुहल्ले के बुजुर्ग के आँख का ईलाज हेतु, छठ पर्व करने के लिए, राशन खरीदने के लिए मदद किया करते। कई बार तो अपने गाँव से चावल-गेहू लाते हुए रास्ते से ही अपने गरीब मित्र को दे दिया करते। कुछ लोगों को बाहर कमाने जाने के लिए पैसे तो कुछ को अंडा-चौमिन के ठेले के रोजगार के लिए भी सहयोग किये।
अमीर और राजनीतिक लोगों से दूरी
हर लोग अमीर लोगों से दोस्ती और राजनीतिक लोगों से जान-पहचान रखना चाहते है। वहीं राजन कहते हैं कि पता नहीं क्यू मुझे पैसों पर अकड़ने वाले और बड़ी बड़ी बातें करने वाले लोगों से दूरी बन जाती है। वहीं अगर कोई पीड़ित व्यक्ति मिल जाए तो उसे बातों से हौसला बढ़ाते हुए जितना हो सके मदद दिलाने का प्रयास करते हैं।
समाजसेवी के रूप में हमेशा सहयोग करना
राजन कहते हैं कि मुझे बहुत खुशी मिलती है जब मेरे या मेरे सहयोगियों द्वारा कोई व्यक्ति लाभांवित होता है। कई बार पूरा दिन केवल लोगों की सहायता करते हुए गुजर जाता है। कई लोग ऐसे मेरे पास आएं जो पैसे की अभाव में बिमारी को बड़ा कर रहे थें और कुछ ऐसे लोग मिले जो सभी जगह से थक चुके थे। ऐसे लोगों को दूसरे राज्यों में भेजकर ईलाज करवाया गया और वे स्वास्थ्य होकर भी लौटें। लोग जानकारी के अभाव में सही ईलाज नहीं करवा पाते। जैसे- कैंसर पीड़ित, दिल में छेद जैसे गंभीर बीमारियाँ, ऐसे लोगों को संगठन द्वारा उचित मार्गदर्शन के साथ आर्थिक मदद भी किया जाता है।
प्रवासी मजदूरों के लिए भी काम
वैसे तो चन्द्रवंशी युवा एसोसिएशन एक जातिगत संगठन है लेकिन कई बार इस संगठन ने बिना भेदभाव के मदद पहुंचाई है। ऐसे कई मामले आएं जहाँ प्रवासी मजदूर की किसी कारण प्रदेश में मौत हो गयी और वहाँ पर दाह संस्कार या परिजनों तक पार्थिव शरीर को पहुंचाना एक चुनौती होता है। ऐसी स्थिति में जब भी पीड़ित परिवार द्वारा संगठन को ऐसे मामले मिले, संगठन ने जल्द जल्द पार्थिव शरीर को उसके घर तक पहुंचाने का कार्य किया है।
चन्द्रवंशी समाज का अम्बेडकर
जिस प्रकार पिछले कुछ वर्षों में इनके द्वारा जागरूकता पैदा की गयी है, चन्द्रवंशी का इतिहास को एकत्रित कर जरासंधवंशी लिखना, सम्राट जरासंध पर आरती लिखकर और गायन करवाकर समाज को गर्वान्वित किया गया है। मंदिर और भवन पर, धरोहरों पर जिस प्रकार कार्य करते हुए सामाजिक, राजनैतिक, स्वास्थ्य सेवाएं, प्रशासनिक मामलों के प्रति जिस तरह लोगों को विश्वास पैदा कर समाज को सशक्त करने की कोशिश की गयी है, इन्हीं कारणों से अब लोग इन्हें चन्द्रवंशी का अम्बेडकर कहकर भी बुलाते हैं।
मगध टाइम्स रिपोर्टर के साथ खास बातचीत के कुछ अंश ।