भीमबांध वन्यजीव अभयारण्य || Bheembandh VanyaJiv Abhyaran (Munger) Bihar
भारत अपने वन्य जीवन और प्राकृतिक झरनों के लिए हमेशा से बेस्ट पर्यटक स्थल रहा है; अगर आपको भारत में घूमना पसंद है और आप एक बेस्ट पर्यटक स्थल की खोज कर रहे हैं जहां आपको जंगली जीवन और सुंदरतम प्राकृतिक झरनों का आनंद मिल सके तो आपको बिहार के मुंगेर में स्थित इस वन्य जीव अभ्यारण को अपनी प्लानिंग लिस्ट में जरूर रखना चाहिए।
अगर आपको जंगली जीवन, झरने और धूप पसंद है, तो मुंगेर का भीम बांध आपके लिए बेस्ट डेस्टीनेशन है। बिहार के मुंगेर में स्थित यह अभ्यारण बेहद खूबसूरत नज़ारो के लिए जाना जाता है। अगर आप भी भीम बांध वन्यजीव अभयारण्य जाने की सोच रहे हैं तो आइए जानते हैं……
Bheem Bandh VanyaJiv Abhyaran बिहार राज्य के मुंगेर जिले में स्थित एक प्राकृतिक और अति उत्तम पर्यटक स्थल है। मुंगेर के घने जंगलों के बीच नागपुर की पहाड़ियों से घिरा हुआ भीम बांध दुर्लभ वनस्पति और गर्म जल तथा ठंडे जल के स्रोतों के लिए अधिक प्रसिद्ध है।
यहां ठंडे मौसम में देश के साथ-साथ विदेश से हजारों की संख्या में पर्यटक सुंदर घने जंगलों का लुफ्त उठाने और दुर्लभ जीव प्रजातियों को देखने के लिए आते हैं।
भीम बाद में गर्म जल तथा ठंडे जल की दो प्राकृतिक जल स्रोत हैं जिनका जल आगे चलकर एक साथ मिल जाता है और पानी गुनगुना हो जाता है; इसी गुनगुने पानी से नहाने के लिए सर्दियों में पर्यटकों का तांता लग जाता है, छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक ठंड के समय में भी यहां आना पसंद करते हैं और गर्म जल से स्नान करके आनंदित होते हैं।
खासकर बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग ठंड में अपनी छुट्टियां मनाने और दोस्तों के साथ पार्टी करने के लिए भीम बांध पहुंचते हैं; वह अपने साथ पार्टी करने के लिए खाना पकाने का सामान और अन्य सामग्री लेकर आते हैं।
सबसे पहले वह गर्म जल वाले कुंड से स्नान कर अपनी थकावट और चिंतन को दूर करते हैं और उसके बाद अपने दोस्तों के साथ मिलकर भोजन पकाते हैं और शांति से दिन व्यतीत करते हैं।
गर्म पानी से नहाने के साथ-साथ पर्यटक अभ्यारण में रहने वाली तमाम प्रकार के दुर्लभ जंतुओं, पक्षियों और वनस्पति को देखने आते हैं; खासकर सर्दियों में मध्य से आने वाले प्रवासी पक्षियों को देखने के लिए पर्यटक अधिक मात्रा में आते हैं।
भीम बांध के अलावा यहां पर और भी प्रमुख जल स्रोत हैं जो निम्नलिखित हैं – ऋषि कुंड, सीता कुंड , हा-हा पंच कुमारी, रामेश्वर कुंड और खड़गपुर झील।
Bheembandh क्यों प्रसिद्ध हैं?
भीमबांध वन्य जीव अभ्यारण में कई प्रकार के छोटे बड़े जल के प्राकृतिक स्रोत हैं लेकिन इस अभ्यारण का मुख्य आकर्षण गर्म और ठंडे जल के दो प्राकृतिक झरने (स्रोत) हैं।
गर्म जल के स्त्रोत का औसतन तापमान 55 डिग्री सेल्सियस रहता है जो पूरे वर्षभर एक समान बना रहता है, थोड़ी दूर पर गर्म और ठंडे स्रोतों का पानी आपस में मिल जाता है जिससे पानी गुनगुना हो जाता है और इसी गुनगुने पानी में नहाने के लिए देश-विदेश से प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक भीमबांध पहुंचते हैं।
ठंड के मौसम में पर्यटकों की संख्या कई गुनी बढ़ जाती है इस समय छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग दंपति भी भीम बांध जाना पसंद करते हैं और हल्के हल्के ठंडी में जब यहां के गुनगुने पानी से पर्यटक स्नान करते हैं तो उन्हें स्वर्ग की अनुभूति होती है।
हालाँकि, अभ्यारण प्राकृतिक जल स्रोतों के साथ साथ अपने वन्य जीवन के लिए भी काफी प्रसिद्ध हैं; यहां पर 120 से भी अधिक प्रजाति के जंगली जीव पाए जाते हैं जिनमें कई प्रकार के दुर्लभ स्तनधारी शामिल है जो सिर्फ इसी अभ्यारण में पाए जाते हैं।
जंगली जानवरों की अतिरिक्त यह जंगल सबसे अधिक प्रजाति के पक्षियों का निवास स्थान है; ठंडियों में पक्षियों की संख्या और भी अधिक बढ़ जाती है जब मध्य पूर्वी एशिया से प्रवासी पक्षी मुंगेर आते हैं।
मुंगेर के Bheem Bandh का इतिहास
भीम बांध का इतिहास बहुत पुराना और दिलचस्प है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार – ऐसा माना जाता है कि महाभारत काल में जब कौरवों ने पांडवों को जुए में जीत लिया था तो दुर्योधन ने पांडवों को 12 वर्ष का वनवास और एक वर्ष का अज्ञातवाश दिया था, उस समय काल में पांडव वनवास के दौरान बिहार के मुंगेर में कुछ दिन रहे थे और उस दौरान पांडवों ने अपनी जीविका पार्जन और सुरक्षित आवास हेतु पानी की समुचित व्यवस्था के लिए विशालकाय भीम को पानी की व्यवस्था करने के लिए कहा था।
इसलिए भीम ने उसे क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी निवासियों के साथ मिलकर पानी के दो बड़े प्राकृतिक स्रोतों (गर्म पानी और ठंडे पानी के दोनों स्रोतों) को मिलाने के लिए एक बांध का निर्माण किया था तब से उसे बांध का नाम भीम बांध के रूप में जाना जाता है।
इसके अलावा भीम ने कई और जल के स्रोतों का निर्माण किया था जिससे आसपास के निवासियों को खेती करने में आसानी हो।
Bheembandh वन्यजीव अभयारण्य (बिहार) की जलवायु परिवर्तन और भौगोलिक स्थिति
जलवायु:–
भीम बांध अभ्यारण समेत पूरे मुंगेर जिले का तापमान वर्षभर 10°C से 40°C के बीच रहता है; यहां की जलवायु सामान्य है।
अभ्यारण के आसपास के सभी क्षेत्रों में तीन मौसम होते हैं गर्मी (मार्च – जून), बरसात (जून से सितंबर), सर्दी (अक्टूबर से फरवरी)। इस क्षेत्र की औसत वार्षिक वर्षा लगभग 1100 – 1200 मिलीमीटर के बीच होती है।
भौगोलिक स्थिति:–
भीम बांध अभ्यारण बिहार राज्य के मुंगेर जिले के दक्षिण पश्चिम में, जमुई जिले के की निकटतम सीमा पर स्थित हैं। मुंगेर से जमुई जाने वाली सड़क से लगभग 10 किलोमीटर अंदर 681.99 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ यह भूभाग जंगल और पहाड़ियों से घिरा हुआ है।
हरे मखमली खेतों और समतल मैदानों पर कल – कल करती हुई गंगा नदी के दक्षिण में, छोटा नागपुर पठार के बिल्कुल उत्तर में भीमबांध वन्यजीव अभयारण्य बसा हुआ है। लगभग 680 वर्ग किलोमीटर में फैला यह अभ्यारण, सैकड़ों दुर्लभ और स्तनधारी वन्य जीवों का आवास है।
इस अभ्यारण में रंग बिरंगी घाटियां, पहाड़, गर्म तथा ठंडे पानी वाले झरने और विभिन्न प्रकार की दुर्लभ वनस्पतियां देखने को मिलती हैं; इसका लगभग 90% भाग वन संपदा से घिरा हुआ हैं। चौड़ी घाटियां, हरे मखमली कालीन जैसे खेत, सुंदर टेढ़ी मेढी अजगर सी सड़के, घनी आबादी वाले जंगल से गुजरते कंकड़ीले रास्ते में पर्यटन करना अपने आप में आनंदमय है।
Bhimbandh अभ्यारण में पाए जाने वाले वन्य जीव
भीमबांध वन्य जीव अभ्यारण सैकड़ो प्रकार की जंगली जानवरों, पक्षियों और स्तनधारी जीवों का निवास स्थान है यहां पर कुछ खास किस्म के वन्य जीव पाए जाते हैं जो केवल बिहार के आसपास के क्षेत्र में ही पाए जाते हैं; इसलिए इन जीवों को देखने के लिए पर्यटक काफी मात्रा में भीमबांध आते हैं।
भीम बांध में बाघ, तेंदुआ, भारतीय खरगोश, लंगूर ,जंगली भालू, साहिल, शीतल, हिरण, वन मुर्गी, नीलगाय, नेवला, गौर और अजगर जैसे जीव रहते हैं
तलहटी में पाए जाने वाले जानवरों के साथ-साथ यहां 100 प्रजाति के पक्षी भी पाए जाते हैं; ठंड के मौसम में मध्य एशिया से हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षी यहां आते हैं।
Bheembandh कैसे जाएं?
भीम बांध अभ्यारण घूमने की प्लानिंग बना रहे हर पर्यटक के लिए सबसे बड़ा सवाल होता है कि भीमबांध कैसे जाएं? हालांकि लोकप्रिय टूरिस्ट केंद्र होने के कारण पर्यटक को अभ्यारण पहुंचने में ज्यादा तकलीफ नहीं होती है; यहां पर आप सड़क मार्ग, रेल मार्ग तथा वायु मार्ग से पहुंच सकते हैं।
वायु मार्ग & रेल मार्ग– भारत के किसी भी कोने से पर्यटक वायु मार्ग से सीधे बिहार के पटना एयरपोर्ट पहुंच सकता है। इसके बाद यात्री पटना रेलवे स्टेशन से ट्रेन पड़कर बरियारपुर रेलवे स्टेशन (मुंगेर) या जमुई रेलवे स्टेशन पहुंच सकते हैं; फिर बरियारपुर रेलवे स्टेशन या जमुई रेलवे स्टेशन से टैक्सी लेकर भीम बांध पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग – गाड़ी से यात्रा करने वाले पर्यटक मुख्य दो मार्गो से भीम बांध पहुंच सकते हैं
- जिला मुंगेर से जमुई जिले जाने वाले रास्ते के माध्यम से भीम बांध पहुंच सकते हैं।
- जमुई जिले से लक्ष्मीपुर के रास्ते भी पहुंच सकते हैं।
FAQS – भीमबांध वन्यजीव अभयारण्य
Q. भीमबांध वन्यजीव अभयारण्य किस राज्य में हैं?
भीम बांध वन्य जीव अभ्यारण बिहार राज्य में स्थित है। अभ्यारण बिहार राज्य के मुंगेर जिले के दक्षिण पश्चिम और जमुई जिले से सटा हुआ है।
Q. भीम बांध क्यों प्रसिद्ध है?
भीम बांध अपने गर्म जल के स्रोतों के लिए जाना जाता है, जो पूरे वर्ष एक प्रकार का तापमान बनाए रखते हैं गर्म जल के स्रोत का तापमान पूरे वर्ष लगभग 55 डिग्री सेल्सियस रहता है जो थोड़ी दूर पर ठंडे जल के स्रोत से मिल जाता है और उस गुनगुने जल से नहाने के लिए लाखों पर्यटक आते हैं।
Q. भीमबांध कब जाना चाहिए?
अगर आप अपनी छुट्टियां बिताने के लिए भीमबांध जाने की सोच रहे हैं तो आपको सर्दियों के मौसम में जाना चाहिए क्योंकि सर्दियों के मौसम में यहां गुनगुने पानी से नहाना एक अलग आनंद की अनुभूति प्रदान करता है और ज्यादातर प्रवासी पक्षी इसी समय मुंगेर पहुंचते हैं जिससे आप मध्य एशिया के कई दुर्लभ पक्षियों के दर्शन कर सकते हैं।